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जर्मन ब्लॉगर ने भारतीय मेट्रो की तारीफ कर यूरोपीय धारणाएं बदल दीं

जर्मन ब्लॉगर ने भारतीय मेट्रो की तारीफ कर यूरोपीय धारणाएं बदल दीं

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक जर्मन ब्लॉगर एलेक्स वेल्डर (Alex Weldr) चर्चा में हैं। उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान दिल्ली और आगरा की मेट्रो सेवाओं की तुलना पश्चिमी यूरोप की मेट्रो से की और भारत को बेहतर बताया। उनके इस बयान ने न सिर्फ भारतीयों को गर्व महसूस कराया, बल्कि यूरोपीय देशों में भारत की छवि को लेकर बनी पुरानी धारणाओं को भी चुनौती दी है।

दिल्ली मेट्रो की खासियतें जिन्होंने जीता जर्मन ब्लॉगर का दिल


"भारत आने से पहले मेरी सोच थी कि यहां सब कुछ अव्यवस्थित होगा"

एलेक्स वेल्डर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट (जहां उनके 70,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं) पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने भारतीय मेट्रो की साफ-सफाई, सुविधाओं और व्यवस्था की तारीफ की। उन्होंने माना कि भारत आने से पहले उनके मन में भारतीय परिवहन व्यवस्था को लेकर नकारात्मक छवि थी। उन्हें लगता था कि भारत में पुरानी बसें, जर्जर रेलगाड़ियाँ और अव्यवस्थित सार्वजनिक परिवहन होगा। लेकिन दिल्ली और आगरा की मेट्रो ने उनकी सोच को पूरी तरह बदल दिया।


दिल्ली मेट्रो की खासियतें जिन्होंने जीता जर्मन ब्लॉगर का दिल

वेल्डर ने अपने वीडियो में भारतीय मेट्रो की कई विशेषताओं का जिक्र किया, जो यूरोपीय मेट्रो सिस्टम से बेहतर हैं:


प्लेटफॉर्म स्क्रीन दरवाजे (Platform Screen Doors) – दिल्ली मेट्रो की कुछ लाइनों में यह सुविधा है, जो यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है और दुर्घटनाओं को रोकती है।

महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष सीटें – भारतीय मेट्रो में महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए अलग से सीटें आरक्षित हैं।

मोबाइल चार्जिंग पॉइंट – मेट्रो कोच में फोन चार्ज करने के लिए प्लग की सुविधा उन्हें विशेष रूप से पसंद आई।

साफ-सुथरा और हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर – वेल्डर ने कहा कि दिल्ली मेट्रो स्टेशन यूरोप के कई मेट्रो स्टेशनों से ज्यादा साफ और व्यवस्थित हैं।



"यूरोप की मेट्रो में ऐसी सुविधाएं नहीं मिलतीं"

वेल्डर ने बताया कि जर्मनी और यूरोप के कई देशों में मेट्रो सिस्टम पुराना है और वहां ऐसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैंने यूरोप के कई शहरों में मेट्रो का इस्तेमाल किया है, लेकिन भारत की मेट्रो जैसी सुविधाएं वहां नहीं मिलीं।"

हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारतीय मेट्रो में भीड़ के समय सीट मिलना मुश्किल हो जाता है, लेकिन यह समस्या दुनिया के हर बड़े शहर में है।


एलेक्स वेल्डर का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कई भारतीय उपयोगकर्ताओं ने उनकी बातों से सहमति जताई और भारतीय मेट्रो की तारीफ की। कुछ यूरोपीय यात्रियों ने भी टिप्पणियों में लिखा कि उन्होंने भारत की मेट्रो का अनुभव किया है और यह वाकई प्रभावशाली है।

हालांकि, कुछ लोगों ने यह भी कहा कि भारत के अन्य शहरों में अभी भी परिवहन व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।


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क्या भारत की मेट्रो वाकई विकसित देशों से आगे?

एलेक्स वेल्डर के अनुभव ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है – क्या भारत की मेट्रो व्यवस्था अब विकसित देशों से बेहतर हो चुकी है?

दिल्ली मेट्रो दुनिया की सबसे लंबी और सबसे व्यस्त मेट्रो प्रणालियों में से एक है, जिसमें रोजाना 60 लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं।

हाई-टेक सुविधाएं जैसे ऑटोमेटेड टिकटिंग, वाई-फाई, और एयर-कंडीशन्ड कोच भारतीय मेट्रो को विश्वस्तरीय बनाते हैं।

स्वच्छता और सुरक्षा के मामले में भारतीय मेट्रो अब कई पश्चिमी देशों से आगे निकल चुकी है।


हालांकि, अभी भी भारत के कई शहरों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार जारी है, और ग्रामीण इलाकों में परिवहन सुविधाएं सुधार की मांग कर रही हैं।


भारत की बदलती छवि

एलेक्स वेल्डर जैसे विदेशी यात्रियों की प्रशंसा से साफ है कि भारत की बुनियादी ढांचा और परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आया है। दिल्ली मेट्रो इसका एक उदाहरण है, जिसने न सिर्फ भारतीयों बल्कि विदेशियों का भी भरोसा जीता है। अगर भारत इसी गति से विकास करता रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब दुनिया भारत को "विकसित देश" के रूप में देखने लगेगी।


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