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अजय देवगन मेहनत और काबिलियत से बॉलीवुड के शिखर तक का सफर

अजय देवगन मेहनत और काबिलियत से बॉलीवुड के शिखर तक का सफर

अजय देवगन हिंदी सिनेमा के उन चुनिंदा कलाकारों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और अभिनय की काबिलियत के दम पर बॉलीवुड में एक खास मुकाम हासिल किया है। 2 अप्रैल 1969 को जन्मे विशाल वीरू देवगन, जिन्हें दुनिया अजय देवगन के नाम से जानती है, आज अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं। यह मौका न केवल उनके प्रशंसकों के लिए खास है, बल्कि बॉलीवुड के उस सफर को याद करने का भी है, जो उन्होंने अपने दम पर तय किया। चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और पद्म श्री जैसे सम्मान से नवाजे गए अजय देवगन की कहानी संघर्ष, सफलता और प्रेरणा से भरी है। आइए, उनके जीवन और करियर के कुछ अनछुए पहलुओं पर नजर डालते हैं।

अजय देवगन


अजय देवगन की बॉलीवुड में शुरुआत: फूल और कांटे से पहचान

साल 1991 में जब अजय देवगन ने फिल्म "फूल और कांटे" से बॉलीवुड में कदम रखा, तो इंडस्ट्री में पहले से ही शाहरुख खान, आमिर खान और सलमान खान जैसे सितारे अपनी चमक बिखेर रहे थे। इन सितारों की लोकप्रियता और आकर्षण के बीच अजय के लिए जगह बनाना आसान नहीं था। लेकिन उनकी पहली फिल्म ने ही दर्शकों का दिल जीत लिया। फिल्म का वह मशहूर सीन, जिसमें अजय दो चलती मोटरसाइकिलों पर सवार होकर एंट्री करते हैं, आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। इस फिल्म ने न केवल उनकी अभिनय क्षमता को साबित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि वह किसी भी चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।

मैशेबल इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में अजय ने अपने संघर्ष के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा, "संघर्ष दो तरह का होता है—एक काम पाने के लिए और दूसरा काम मिलने के बाद उसे बेहतर करने के लिए। फिल्म रिलीज होने के बाद भी यह सिलसिला खत्म नहीं होता। शोहरत को बनाए रखने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है।" अजय खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उनके करियर में ऐसा कोई साल नहीं आया, जब उनकी सारी फिल्में असफल हुई हों। अगर किसी साल उनकी दो फिल्में नहीं चलीं, तो तीसरी फिल्म जरूर हिट रही। यह उनकी निरंतरता और दर्शकों के साथ उनके जुड़ाव का सबूत है।


उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वह अपनी कई फिल्में रिलीज के बाद देख नहीं पाते। व्यस्तता के चलते उनके पास इतना वक्त ही नहीं बचता। यह उनकी मेहनत और प्रोफेशनलिज्म को दर्शाता है कि वह हमेशा अगले प्रोजेक्ट की तैयारी में जुटे रहते हैं।



अजय देवगन करियर की ऊंचाइयां: हिट फिल्मों का सिलसिला

अजय देवगन का करियर विविधता और सफलता का शानदार उदाहरण है। उन्होंने "हिंदुस्तान की कसम" जैसी देशभक्ति फिल्मों से लेकर "वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई" जैसी गैंगस्टर ड्रामा, "सिंघम" जैसी एक्शन फिल्मों और "दे दे प्यार दे" जैसी रोमांटिक कॉमेडी तक हर жанर में अपनी छाप छोड़ी है। उनकी फिल्म "तानाजी: द अनसंग वॉरियर" उनकी 100वीं फिल्म थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया। इसके अलावा "गोलमाल अगेन" और "दृश्यम 2" जैसी फिल्मों ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया।

निर्देशक रोहित शेट्टी, जो अजय के साथ लंबे समय से काम कर रहे हैं, ने "तानाजी" की रिलीज के मौके पर कहा, "मेरे सफर की कहानी अजय देवगन के बिना अधूरी है। मैं उन्हें बॉस कहता हूं। हमारा रिश्ता 30 साल पुराना है, जो दो पीढ़ियों तक फैला है।" यह बयान अजय के व्यक्तित्व और उनके प्रोफेशनल रिश्तों की मजबूती को दर्शाता है।


हल्के-फुल्के पल: नारियल तेल का किस्सा

अजय देवगन गंभीर अभिनेता होने के साथ-साथ अपने हास्य पक्ष के लिए भी जाने जाते हैं। कपिल शर्मा के शो "कॉमेडी नाइट्स" में उन्होंने एक मजेदार किस्सा सुनाया। स्विटजरलैंड में एक शूट के दौरान डायरेक्टर को उनके चेहरे पर चमक चाहिए थी। अजय और उनकी टीम ने मेकअप हटाकर नारियल का तेल लगाने का फैसला किया। लेकिन ठंड के कारण तेल जम गया और उनके बाल सफेद होकर खड़े हो गए। यह किस्सा उनकी सादगी और सहजता को दर्शाता है।

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अजय देवगन करियर की काजोल के साथ प्रेम कहानी

अजय देवगन और काजोल की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे प्यारी जोड़ियों में से एक है। ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में काजोल ने बताया कि उनकी और अजय की कहानी दोस्ती से शुरू हुई। दोनों फिल्मों के सेट पर घंटों साथ बिताते थे। उस दौरान दोनों के ब्रेकअप हुए थे, जिसके बाद वे एक-दूसरे के करीब आए। काजोल ने कहा, "हमने एक-दूसरे को अपनी कहानियां सुनाईं, दोस्त बने, फिर प्यार हुआ और शादी कर ली।" चार साल की डेटिंग के बाद 1999 में दोनों ने शादी की, जिसमें बेहद कम मेहमान शामिल हुए। 2003 में उनकी बेटी न्यासा का जन्म हुआ। दोनों एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और उनकी जोड़ी आज भी प्रेरणा देती है।

अजय देवगन ने अपने 30 साल से ज्यादा के करियर में 100 से अधिक फिल्मों में काम किया है। चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और चार फिल्मफेयर पुरस्कार उनके अभिनय की गहराई के गवाह हैं। साल 2016 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया, जो देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। अभिनय के अलावा वह एक सफल निर्देशक और निर्माता भी हैं। उनकी फिल्म "शिवाय" और "यू मी और हम" में उनकी निर्देशकीय प्रतिभा देखने को मिली।


अजय देवगन की जिंदगी और करियर एक ऐसी किताब की तरह है, जिसमें हर पन्ने पर मेहनत, लगन और सफलता की कहानी लिखी है। वह उन सितारों में से हैं, जिन्होंने अपनी शर्तों पर बॉलीवुड में राज किया। न चमक-दमक की चाहत, न ही सुर्खियों की भूख—बस अपने काम के प्रति ईमानदारी और दर्शकों के प्रति वफादारी ने उन्हें शिखर तक पहुंचाया। आज उनके जन्मदिन पर हम उनके इस शानदार सफर को सलाम करते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह आने वाले सालों में भी हमें ऐसी ही बेहतरीन फिल्मों से मनोरंजन करते रहेंगे।

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